भूपेश सरकार के नवा छत्तीसगढ़ में बढ़ा अपराध, NCRB की रिपोर्ट में खुली कानून व्यवस्था की पोल- अरुण साव

 

छत्तीसगढ़ की बेटियों को हाशिये पर रखकर “नवा छत्तीसगढ़” गढ़ रहे भूपेश बघेल- अरुण साव

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू नाम मात्र के है, उनका काम धरातल पर शून्य है- अरुण साव

उर्वशी मिश्रा, न्यूज राइटर, रायपुर, 28 जुलाई, 2023

रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते हुए अपराध पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को जिम्मेदार बताया है। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को अपराध का गढ़ बना दिया है। सोशल मीडिया, न्यूज चैनल व समाचार पत्रों के माध्यम पता चलता है कि हर रोज कहीं न कहीं हत्या, लूटपाट, दुष्कर्म, सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही है।

NCRB के रिपोर्ट का हवाला देते हुए अरुण साव ने ट्वीट करते हुए कहा कि:- NCRB के आंकड़ों ने खोल दी कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मॉडल की पोल

छत्तीसगढ़ की बेटियों को हाशिये पर रखकर “नवा छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे मुखिया जी”!

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विगत 3 वर्षों में लापता हुई छत्तीसगढ़ की 10817 बालिकाएं एवं 49116 महिलाएं।

-क्या यही है “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” मॉडल?
पूछता है छत्तीसगढ़!

छत्तीसगढ़ में महिलाओं पर अत्याचार खत्म होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी साल 2019-2020-2021 के आंकड़ों पर गौर करें तो दुष्कर्म, सामूहिक बलात्कार, प्रताड़ना के मामलों में बिहार से आगे छत्तीसगढ़ निकल गया है।

लापता हुए महिला-बेटियों की बात करें तो वर्ष 2019 में 3557 लड़कियां, 15584 महिलाएं वर्ष 2020 में 3269 लड़कियां, 15497 महिलाएं, वर्ष 2021 में 3991 लड़कियां, 18135 महिलाएं लापता हैं। जिनके संबंध में इस कांग्रेस सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है।

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NCRB रिपोर्ट के अनुसार 2021 में बच्चों के प्रति अपराध, हत्या, बलात्कार के 6001 मामले सामने आए हैं।

अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के प्रति अपराध में बढ़ोतरी हुई है। 2021 में अनुसूचित जाति के 330 मामले, अनुसूचित जनजाति के 506 मामले रजिस्टर्ड हुए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने शासन के इन पांच वर्षों में अपराध के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है।

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू केवल नाम के गृहमंत्री हैं, कार्य उनका शून्यकाल में चल रहा है।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसे गृहमंत्री पहली बार हुए हैं, जो कहते हैं कि अपराध को रोका नहीं जा सकता। पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। गृहमंत्री साहू संभवतः समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है। यह दिखाई नहीं दे रहा है। गृहमंत्री को संभवतः कानून व्यवस्था सम्हालने में कोई रुचि नहीं है। इसलिए तो उन्हें पेपर वेट गृहमंत्री कहा जाता है।

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आदिवासियों के खिलाफ बढ़े अपराध

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के प्रति अपराध भी बढ़ा है। साल 2018 में 388, साल 2019 में 427, साल 2020 में 502, साल 2021 में 506 मामले ऐसे दर्ज किए गए हैं। साल 2018 के मुकाबले साल 2021 में अनुसूचित जाति के खिलाफ भी आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। इन घटनाओं से संबंधित साल 2018 में 264, साल 2019 में 341, साल 2020 में 316 केस दर्ज किए गए हैं।

ये आंकड़े और रिपोर्ट बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है। मुख्यमंत्री बघेल को PR (झूठे प्रचार-प्रसार) की दुनिया से बाहर आकर छत्तीसगढ़ की वास्तविक स्थिति को देखना चाहिए। 15 साल छत्तीसगढ़ को गढ़ने का काम भाजपा ने किया था। उसे बर्बाद करने के लिए कांग्रेस को 5 साल भी नहीं लगे।

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